नमस्कार दोस्तों! खुश अम्दीद आप सभी को, जहां अल्फाज़ दिल से निकलते हैं और सीधे रूह तक उतर जाते हैं। यहां की शायरी, वह कला है जिसमें पूरी कायनात सिमट आती है, दो मिसरों में ही सारी दास्तां कह जाती है।
मेरा मानना है कि जब सच्चाई और गहराई शब्दों के सांचे में ढलती हैं, तो वो दो लाइन की शायरी बन जाती हैं, जिसे पढ़कर दिल और भी करीब आ जाते हैं। आज मैं आपके साथ वो जज्बात साझा करने आई हूँ, जो छोटे-छोटे लफ्ज़ों में बहुत कुछ कह देते हैं।
यहाँ हर शायरी, उस मौन संवेदना को आवाज़ देती है, जिसे बयां करना अक्सर मुश्किल होता है। चाहे वह इश्क की शिद्दत हो या जिंदगी के उतार-चढ़ाव, मेरी शायरियां आपके हर मूड का साथ देंगी।
तो आइये, हमराह बनिए इन अनकहे सफरों के और महसूस करिए हर जज़्बे को, बस दो लाइनों में। ये सफर हमारा भी है और आपका भी। दिल से दिल तक, आइए शुरू करते हैं ये शायराना सफर।
Two Line Shayari in Hindi
छोटे शेरों में बड़ी बातें
कहते हैं रिश्ते नशा बन जाते हैं,
कोई कहते हैं रिश्ते सजा बन जाते हैं,
पर रिश्ते निभाओ सच्चे दिल से तो वे रिश्ते ही जीने की वजह बन जाते हैं।
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,
पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम,
जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है।
अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे,
हर ख्वाब मे बुलाया है तुझे,
क्यू न करे याद तुझ को जब खुदा ने
हमारे लिए बनाया है तुझे।
कुछ लोग खोने को प्यार कहते हैं,
तो कुछ पाने को प्यार कहते हैं,
पर हकीक़त तो ये है,
हम तो बस निभाने को प्यार कहते हैं।
ये लकीरें,
ये नसीब,
ये किस्मत ,
सब फ़रेब के आईनें हैं,
हाथों में तेरा हाथ होने से ही
मुकम्मल ज़िंदगी के मायने हैं...।
अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे,
हर ख्वाब मे बुलाया है तुझे,
क्यू न करे याद तुझ को जब खुदा ने
हमारे लिए बनाया है तुझे।
हम वो नही जो तुम्हे गम में छोड़ देंगे ,
हम वो नही जो तुजसे नाता तोड़ देंगे ,
हम वो हे जो तुम्हारी साँसे रुके तो ,
अपनी साँसे छोड़ देंगे...।।
ये वादा है तुमसे वो दिन भी मैं लाऊँगा,
जब तुम ख़ुद कहोगी,
मुझे दुनिया की परवाह नहीं,
मैं बस तुम्हारी होना चाहती हूँ,
मैं बस तुम्हारी हूँ...।
ना चाँद की चाहत ना तारों की फ़रमाईश हर जन्म तू मिले बस यही मेरी ख्वाईश।
पता है तुम्हारी और हमारी मुस्कान में
फ़र्क क्या है?
तुम खुश हो कर मुस्कुराते हो,
हम तुम्हे खुश देख के मुस्कुराते हैं।
एक पल की ये बात नहीं,
दो पल का ये साथ नहीं,
कहने को तो जिन्दगी जन्नत से प्यारी है,
पर वो साथ ही क्या जिसमे तेरा हाथ नहीं।
गिले शिकवे दिलसे न लगा लेना,
कभी रूठ जाऊ तो मना लेना,
कल का क्या पता हम हो नहो,
इसलिए जब भी मिलू,
प्यार से मेरा हाथ थाम लेना,।
सुन पगली मेरी यही ख़्वाहिश है,
हर पल हम साथ हो,
मेरे हाथो में तेरा हाथ हो,
जहाँ भी देखें एक साथ देखें,
तुम मेरी नज़र से देखो और मैं तुम्हारी नज़र से।
तेरे सीने से लग कर तेरी आरज़ू बन जाऊँ,
तेरी सांसों से मिलकर तेरी खुशबू बन जाऊँ,
फासले न रहें कोई हम दोनों के दरम्यान,
मैं,मैं न रहूँ,
बस तू ही तू बन जाऊँ।
किसी को चाहो तो इस अंदाज़ से चाहो,
कि वो तुम्हे मिले या ना मिले,
मगर उसे जब भी प्यार मिले,
तो तुम याद आओ।
मेरी यादो मे तुम हो,या मुझ मे ही तुम हो,
मेरे खयालो मे तुम हो,या मेरा खयाल ही तुम हो,
दिल मेरा धडक के पूछे,बार बार एक ही बात,
मेरी जान मे तुम हो,या मेरी जान ही तुम हो...।
रिश्ता वो नहीं होता जो दुनिया को
दिखाया जाता है,
रिश्ता वह होता है,
जिसे दिल से निभाया जाता है,
अपना कहने से कोई अपना नहीं होता,
अपना वो होता है जिसे दिल से अपनाया जाता है।
शान से हम तेरे दिल में रहेंगे,
तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे,
देख के जलेगी हमे दुनियाँ सारी,
इस कदर बे-पनाह प्यार तुझे करेंगे।
ज़िंदगी में बार-बार सहारा नही मिलता,
बार-बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
है जो पास उसे संभाल के रखना,
खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता।
लिख दूं…,
तो लफ्ज़ तुम हो सोच लूं…,
तो ख़याल तुम हो मांग लूं…,
तो मन्नत तुम हो चाह लूं…,
तो मुहब्बत भी तुम हो,
सब कुछ तुम ही हो।
हमारी हर ख़ुशी का एहसास तुम्हारा हो
तुम्हारे हर ग़म का दर्द हमारा हो
मर भी जाए तो हमें कोई ग़म नही
बस आख़िरी वक़्त साथ तुम्हारा हो।
मेरी हर खुशी हर बात तेरी है,
साँसो में छुपी ये हयात तेरी है,
दो पल भी नहीं रह सकते तेरे बिना,
धड़कनो की धड़कती हर आवाज तेरी है।
प्यार किया तो उनकी मोहब्बत नज़र आई
दर्द हुआ तो पलके उनकी भर आई
दो दिलों की धड़कन में एक बात नज़र आई
दिल तो उनका धड़का पर आवाज़
इस दिल की आई।
मुझे नही खबर कि तुम्हारी जिन्दगी में वो कौन सा पल है…,??? जो सिर्फ मेरे लिए हो,
पर मेरी जिन्दगी का हर इक पल,
सिर्फ तुम्हारे लिए है।
तुम मेरी बाहों का हार बनो,
मेरे आँखो की चमक बनो,
तुम इस दिल की धड़कन बनो,
मेरे साँसों की महक बनो,
बस हर पल यूही इस दिल की चाहत बनो,
Love You Sweet Heart।
बस यही एक जिझक है हाले दिल सुनाने में के तेरा भी ज़िक्र आयेगा इस फसाने में।
मुझे तू चाहिए तेरा साथ चाहिए जिसे
थम्भ कर मै पूरी ज़िंदगी बिता दू…
वो वाला हाथ चाहिए।
एक दिल ,
एक जिस्म एक मैं,
एक तू यही ख्वाब है मेरा।
तेरे इश्क़ में में इस तरह नीलाम हो जाऊ…,
आख़री हो तेरी बोली और में तेरे नाम हो जाऊ।
दुल्हन बन के मेरी जब वो मेरी बाँहों में आयी थी सेज सजी थी फूलों की पर उस ने महकाई थी।
घूँघट में इक चाँद था और सिर्फ तन्हाई थी आवाज़ दिल के धड़कने की भी
फिर ज़ोर से आयी थी।
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखू ,
पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये।
प्यार से जो मैंने घूँघट चाँद पर से हटाया था
प्यार का रंग भी उतरकर उसके चेहरे पर आया था।
तुझे क्या कहूं तू है मरहबा,
तेरा हुस्न जैसे है मयकदा
मेरी मयकशी का सुरूर है,
तेरी हर ,नजर तेरी, हर अदा।
यू तारीफ ना किया करो मेरी शायरी की
दिल टूट जाता है मेरा जब तुम
मेरे दर्द पर वाह-वाह करते हो।
क्या बतलाये अब हम वह रात
किस कदर निराली थी
हमारे सुहाग की वो रात ,
जो इतनी शोख मतवाली थी।
खुशबु आ रही है कहीं से ताज़े गुलाब की,
शायद खिड़की खुली रेह गई होगी
उनके मकान की।
मिल जाएँगे हमारी भी तारीफ़” करने वाले,
कोई हमारी मौत की “अफ़वाह” तो फैलाओ यारों।
ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूं
मौत भी हो जाती है और
क़ातिल भी पकड़ा नही जाता।
तुझको देखा तो फिर किसी को नहीं देखा,
चाँद कहता रहा मैं चाँद हूँ,
मैं चाँद हूँ...।
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं
चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं।
हुस्न को बे-हिज़ाब होना था
शौक़ को कामयाब होना था।
सभी तारीफ करते हैं,
मेरी शायरी की लेकिन कभी कोई सुनता नहीं,
मेरे अल्फाज़ो की सिसकियाँ।
तेरी अदाएं,
तेरे ये नाज़नीन से अन्दाज़,
अपनी अदा आप रखते हैं।
सोचता हु हर कागज पे तेरी तारीफ करु,
फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए।
लिखी कुछ शायरी ऐसी तेरे नामसे…,
कि जिसने तुम्हे देखा भीनही,
उसने भी तेरी तारीफ कर दी।
उनकी तारीफ़ क्या पूछते हो
उम्र सारी गुनाहों में गुजरी
अब शरीफ बन रहे है वो
ऐसे जैसे गंगा नहाये हुए है।
तारीफ़ अपने आप की,
करना फ़िज़ूल है,
ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है,
कौन सा फ़ूल है।
तेरे जलवों पे मर मिट गए
आखिर ज़र्रे को आफताब होना था।
लोग भले ही मेरी शायरी की तारीफ न करे
खुशी दुगनी होती है जब उसे
कॉपी पेस्ट में देखता हूं।
क्या लिखूँ तेरी सूरत – ए – तारीफ मेँ ,
मेरे हमदम अल्फाज खत्म हो गये हैँ,
तेरी अदाएँ देख-देख के।
तेरे इख़्तियार में है फिजा,
तू खिज़ां का जिश्म सवार दे मुझे रूह से तू नवाज दे,
मुझे जिंदगी से न कर जुदा।
तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जाएगी
चाँद की भी कदर कम हो जाएगी।
रब से आपकी खुशी मांगते हैं,
दुआओं में आपकी हंसी मांगते हैं,
सोचते हैं आपसे क्या मांगें चलो,
आपसे उम्र भर की मोहब्बत मांगते हैं।
चुपके से दिल किसी का चुराने में है मज़ा,
आँखों से दिल का हाल सुनाने में है मज़ा,
जितना मज़ा नहीं है नुमाइश में इश्क़ की,
उससे ज़्यादा इश्क़ छुपाने में है मज़ा।
उदास नहीं होना,
क्योंकि मैं साथ हूँ,
सामने न सही पर आस-पास हूँ,
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे,
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ।
जो नजरो का हुआ मिलना लब तेरे भी मुस्कुराये थे,
ईश्क के हर जूर्म में मेरे तेरी मोहोब्बत के साये थे,
मेरी हर रात में सजनी तेरी सेजो के साये थे,
रात को ख्वाब में मेरे ख्वाब तेरे मिलने आये थे।
तड़प के देखो किसी की चाहत में,
तो पता चले कि इंतज़ार क्या होता है,
यूँ ही मिल जाये अगर कोई बिना तड़पे,
तो कैसे पता चले के,
प्यार क्या होता है।
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे।
हम वो नही जो तुम्हे गम में छोड़ देंगे ,
हम वो नही जो तुजसे नाता तोड़ देंगे ,
हम वो हे जो तुम्हारी साँसे रुके तो ,
अपनी साँसे छोड़ देंगे ...।।
गिले शिकवे दिलसे न लगा लेना,
कभी रूठ जाऊ तो मना लेना,
कल का क्या पता हम हो नहो,
इसलिए जब भी मिलू,
प्यार से मेरा हाथ थाम लेना।
दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया न करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख़्वाबों में आ कर यु तड़पाया न करो।
उसके साथ रहते रहते हमे चाहत सी हो गयी,
उससे बात करते करते हमे आदत सी हो गयी,
एक पल भी न मिले तो न जाने बेचैनी सी रहती है,
दोस्ती निभाते निभाते हमे मोहब्बत सी हो।
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं,
गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत,
हम तो बस आपकी एक
मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं।
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही,
वो मुझे चाहे या मिल जाये,
जरूरी तो नही,
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो,
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही।
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
जब खामोश आँखो से बात होती है
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं
पता नही कब दिन और कब रात होती है।
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,
और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,
क्या ज़रूरत थी,
तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की।
कब आपकी आँखों में हमें मिलेगी पनाह,
चाहे इसे समझो दिल्लगी या समझो गुनाह,
अब भले ही हमें कोई दीवाना करार दे,
हम तो हो गए हैं आपके प्यार में फ़ना।
अपने दिल की जमाने को बता देते हैं,
हर एक राज से परदे को उठा देते हैं,
आप हमें चाहें न चाहें गिला नहीं इसका,
जिसे चाह लें हम उसपे जान लुटा देते हैं।
तेरे बिना टूट कर बिखर जायेंगे,
तुम मिल गए तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे,
तुम ना मिले तो जीते जी ही मर जायेंगे,
तुम्हें जो पा लिया तो मर कर भी जी जायेंगे।
कब तक वो मेरा होने से इंकार करेगा,
खुद टूट कर वो एक दिन मुझसे प्यार करेगा,
इश्क़ की आग में उसको इतना जला देंगे,
कि इज़हार वो मुझसे सर-ए-बाजार करेगा।
मेरे आँखों के ख्वाब,
दिल के अरमान हो तुम,
तुम से ही तो मैं हूँ ,
मेरी पहचान हो तुम,
मैं ज़मीन हूँ अगर तो मेरे आसमान हो तुम,
सच मानो मेरे लिए तो सारा जहां हो तुम।
खुशबू की तरह आसपास बिखर जायेंगे,
सुकून बनकर दिल में उतर जायेंगे,
महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर होकर भी आपके पास नजर आएंगे।
उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा,
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा,
बेकरारी की आग में जो जल रहे हैं आप,
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा।
छलकते होठो से छू के,
होठो को उन्होंने प्याला बना डाला,
पास आई कुछ वो ऐसे,
जिन्दगी को उन्होंने मधुशाला बना डाला।
आ जाओ किसी रोज तुम्हारी रूह मे उतर जाऊँ,
साथ रहूँ मैं तुम्हारे ना किसी और को नज़र आऊँ,
चाहकर भी मुझे छू ना सके कोई इस तरह,
तुम कहो तो यूँ तुम्हारी बाहों में बिखर जाऊँ।
तड़प रहीं हैं मेरी साँसें तुझे महसूस करने को,
खुशबू की तरह बिखर जाओ तो कुछ बात बने।
मुड़े मुड़े से है किताब ए इश्क़ के पन्नेये कौन है जो हमे हमारे बाद पढता है।
जो आपके एहसासों को ना समझे उनके लिए अल्फाजों के मोती बिखेरना व्यर्थ है।
जो सबको कांटे की तरह चूभती है बातें मेरी मतलब कुछ तो बात है बातों में मेरी।
wo parinda jise apni parwaz se fursat na thi faraz aj tanha hua to meri hi deewar par aa betha.
खिडकियों को खुला छोड़ कर वो आंखों में काजल लगाती है
इसी तरह से हर रोज वो मेरे दिल को
खूब जलाती है।
कब तक तुम्हारी जुदाई के
सद मे उठाऊ मैं ऐसा सुलूक करो तुम की
ये दुनिया छोड़ जाऊ मैं।
काश के जो जैसा है वैसा ही दिखाई दे
तो साथ रहकर कोई यूँ ना तन्हाई दे।
बहुत बेचैन हो रहा हु मैं अब
तुझे भुलाने में गैरों से पता चला
कोई कसर न कि तुमने मुझे रुलाने में।
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका इश्क मुकम्मल होता है हमने तो यहाँ इंसानों को बस बर्बाद होते देखा है।
आपके ज़िक्र के बिना कैसे अपनी पूरी कहानी लिखूँ बताइये
आपको वफ़ा लिखूँ या अपनी जिन्दगानी लिखू।
हुश्न और इश्क में क्या गजब की यारी
एक परिंदा है तो दूसरा शिकारी।
क्या हो जायेगा तेरे रोने या न रोने से
ऐ दिलजब उसे कोई फर्क ही नही पड़ता
तेरे होने या न होने से।
न देख कर ये चेहरा अब दिल खोलते हैं
कभी कभी कुछ शीशे भी झूठ बोलते हैं।
हँस हँस के जवाँ दिल के हम
क्यूँ न चुनें टुकड़े
हर शख़्स की क़िस्मत में
इनाम नहीं होता।
इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गई
फ़िर से आज जीने की वज़ह मिल गई।
लोग कह्ते है की बीना महेनत
कुछ पा नहि सकते
ना जाने ये गम पाने के लिये
कौन सी महेनत करली हमने।
बस इतना सा एहसान तू मुझ पे किया कर मेरी आँखों में देखकर मेरा दर्द पहेचान लिया कर।
कौन कहता है ,
मुर्दे जिया नही करते
मैंने आशिकों की बस्ती में
लाशों को चलते देखा है।
तेरी बात ख़ामोशी से मान लेना
यह भी अन्दाज़ है मेरी नाराज़गी का।
कितनी शिद्दत से मैंने चाहा था उसको,
कोई अपना दुश्मन भी होता तो,
निभाता उम्र भर।
दर्द लेकर उफ़ भी ना करे ये दस्तूर है
चल ए ईश्क़ हमे तेरी ये शर्त भी मंजूर है।
तेरे इंतज़ार में मेरा बिख़रना इश्क है,
और तेरी मुलाक़ात पे निख़रना इश्क है।
जिस चीज़ पे तू हाथ रख दे
वो चीज़ तेरी हो
और जिस से तू प्यार करे
वो तक़दीर मेरी हो।
एक भी दिन ना निभा सकेंगे ,
वो मेरे किरदार,
वो लोग जो मुझे ,
मशवरे देते हज़ार।
किताब के सादे पन्ने सी ,
शख्सियत मेरी ,
नजरंदाज कर देते है,
अक्सर पढने वाले।
क्या अजीब सबूत माँगा है,
उसने मेरी मोहब्बत का ,
मुझे भूल जाओ तो मानू की ,
तुम्हे मुझसे मोहब्बत है।
अब तेरे ज़िक्र पे हम बात बदल देते हैं,
कितनी मोहब्बत थी तेरे नाम से पहले पहले।
काटकर गैरों की टाँगें ख़ुद लगा लेते हैं ,
लोग इस शहर में ,
इस कदर भी ,
कद बढ़ा लेते हैं लोग।
गज़ब की धूप है शहर में,
फिर भी पता नहीं ,
लोगों के दिल यहाँ पिघलते क्यों नहीं।
करवटें ,सिसकिया,
कशमकश और बेताबी ,
कुछ भी कहो मोहब्बत आग लगा देती है।
एक मैं हूं के समझा नहीं खुद को
आज तक और लोग हैं,
न जाने मुझे क्या-क्या समझ लेते हो।
तुम जो थाम लेते हो ना ,
मेरा यह हाथ ख्वाबो में,
कुछ इसलिए नींद के,
शौक़ीन हो गए है हम।
तुम समझ लेना बेवफा मुझको
मै तुम्हे मगरूर मान लूँगा,
ये वजह अच्छी होगी
एक दूसरे को भूल जाने के लिये।
नहीं है अब कोई जुस्तजू
इस दिल में ए सनम,
मेरी पहली और आखिरी
आरज़ू बस तुम हो।
घायल कर के मुझे उसने पूछा,
करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,
लहू-लहू था दिल मेरा ,
मगर होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।
नहीं है अब कोई जुस्तजू
इस दिल में ए सनम,
मेरी पहली और आखिरी,
आरज़ू बस तुम हो।
खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।
हम तो तेरी आवाज़ से प्यार करते हैं,
तस्सवुर में तेरे तन्हाइयों से प्यार करते हैं,
जो मेरे नाम से तेरे नाम को जोड़े ज़माने वाले,
उन चर्चों से अब हम प्यार करते हैं।
मेरे होंठो पर लफ्ज़ भी अब तेरी
तलब लेकर आते हैं,
तेरे जिक्र से महकते हैं तेरे
सजदे में बिखर जाते हैं।
क्या चाहूँ रब से तुम्हें पाने के बाद,
किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद,
क्यों मोहब्बत में जान लुटा देते हैं लोग,
मैंने भी यह जाना इश्क़ करने के बाद।
भूल जाता हूँ मैं सबकुछ आपके सिवा,
यह क्या मुझे हुआ है,
क्या इसी एहसास को दुनिया ने
इश्क़ का नाम दिया है।
ऐसा क्या बोलूं कि तेरे दिल को छू जाए,
ऐसी किससे दुआ मांगू कि तू मेरी हो जाए,
तुझे पाना नहीं तेरा हो जाना है मन्नत मेरी,
ऐसा क्या कर दूं कि ये मन्नत पूरी हो जाए।
आ के मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा होगा,
बन के रूह मेरे जिस्म में उतर जाओ तो अच्छा होगा,
किसी रात तेरी गोद में सिर रख के सो जाऊं,
फिर उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा होगा।
गम में ख़ुशी की वजह बनी है मोहब्बत,
दर्द में यादों की वजह बनी है मोहब्बत,
जब कुछ भी ना रहा था अच्छा इस दुनिया में,
तब हमारे जीने की वजह बनी है यह मोहब्बत।
वो हसरतें दिल की अब जुबां पर आने लगी,
तुमने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी,
मोहाब्बत की इन्तहा थी या दीवानगी मेरी,
हर सूरत में मुझे सूरत तेरी नज़र आने लगी।
लोग कहते हैं उसको खुदा की इबादत है,
ये मेरी समझ में तो एक जहालत है,
रात जाग के गुजरे,
दिल को चैन न आए,
जरा बताओ दोस्तों क्या यही मोहब्बत है।
मोहब्बत भी शराब के नशा जैसी है दोस्तों,
करें तो मर जाएँ और छोड़े तो किधर जाएँ।
कैसे कहें कुछ भी कहा नहीं जाता,
दर्द मिलता है पर सहा नहीं जाता,
हो गया है इश्क आपसे बे-इन्तिहाँकि अब तो बिन देखे आपको जिया नहीं जाता।
मैं तेरे प्यार में इतना ग़ुम होने लगा हूँ सनम,
जहाँ भी जाऊं बस तुम्हें ही सामने पाने लगा हूँ,
हालात यह हैं कि हर चेहरे में तू ही तू दिखता है,
ऐ मेरे खुदा अब तो मैं खुद को भी भुलने लगा हूँ।
मोहब्बत करनी आती है
नफरतो का कोई ठौर नही,
बस तू ही तू है इस दिल मे
दूसरा कोई और नही।
कब आ रहे हो मुलाकात के लिये ऐ सनम,
हमने चाँद रोका है एक रात के लिये।
गम में ख़ुशी की वजह बनी है मोहब्बत,
दर्द में यादों की वजह बनी है मोहब्बत,
जब कुछ भी ना रहा था अच्छा इस दुनिया में,
तब हमारे जीने की वजह बनी है यह मोहब्बत।
इश्क का होना भी लाजमी है शायरी के लिये,
कलम लिखती तो
दफ्तर का बाबू भी ग़ालिब होता।
मेरे दिल के किसी कोने में
अब कोई जगह नहीं,
कि तस्वीर-ए-यार हमने
हर तरफ लगा रखी है।
जो इंसान आपको खुश रख सकता है,
उससे ज्यादा Perfect
आपके लिए कोई नहीं हो सकता।
हमें कहां मालूम था कि इश्क होता क्या है।
बस एक ‘तुम’ मिले और
जिंदगी मोहब्बत बन गई।
खुद में हम कुछ इस कदर खो जाते हैं
बीती हुई यादों को लेकर रो जाते हैं
नींद तो आती नहीं यादों में पर
उनको ख्वाब में देखने के लिए सो जाते हैं|
सोचते हैं आपको और आप ही के हो जाते हैं।
कुछ इस अदा से आज वो पहलू-नशीं रहे।
जब तक हमारे पास रहे हम नहीं रहे।
हमें सीने से लगाकर हमारी सारी कसक
दूर कर दो।
हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ हमें इतना
मजबूर कर दो।
हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो।
छेड़ आती हैं कभी लब
तो कभी रूखसारों को
तुमने ज़ुल्फ़ों को बहुत सर पर चढा रखा है।
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम,
कितना ख्वावों में तुझे और तलाशा जाए।
भरम रखो मोहब्बत कावफ़ा की
शान बन जाओ,
किसी पर जान देदो या किसी की
जान बन जाओ,
तुम्हारे नाम से मुझको पुकारें ये जहाँ वाले
मैं बन जाऊं अफसाना और
तुम उन्वान बन जाओ।
जी चाहे की दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर,
दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर।
मुझे ना सताओ इतना कि मैं रुठ जाऊं तुमसे,
मुझे अच्छा नहीं लगता
अपनी साँसों से जुदा होना।
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा,
जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार आएगा।
इज़हार-ए-तमन्ना ही तौहीन-ए-तमन्ना है,
तुम खुद ही समझ जाओ मैं नाम नहीं लूँगा।
ना समेट सकोगे क़यामत तक जिसे तुम,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतनी मोहब्बत करते हैं।
आप जब तक रहेंगे आंखों में नजारा बनकर,
रोज आएंगे मेरी दुनिया में उजाला बनकर।
तुम मुझे कभी दिल से कभी आँखों से पुकारो,
ये होठों के तकल्लुफ तो ज़माने के लिए होते हैं।
हम भी मौजूद थे तकदीर के दरवाजे पे,
लोग दौलत पर गिरे और हमने तुझे माँग लिया ।
चेहरे पे मेरे जुल्फों को फैलाओ किसी दिन,
क्यूँ रोज गरजते हो बरस जाओ किसी दिन,
खुशबु की तरह गुजरो मेरी दिल की गली से,
फूलों की तरह मुझपे बिखर जाओ किसी दिन।
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
चेहरे पर हंसी छा जाती है,
आँखों में सुरूर आ जाता है,
जब तुम मुझे अपना कहते हो,
मुझे खुद पर गुरुर आ जाता है।
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे।
आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है,
दिल में बसाई है जो वो आपकी ही सूरत है,
दूर जाना नहीं हमसे कभी भूलकर भी,
हमे हर कदम पर आपकी ज़रूरत है।
संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा,
मेरे इस दिल में ऐ सनम तेरे ख्वाब सजाऊंगा,
आजमा के देख ले तेरे दिल में बस जाऊंगा,
प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में सिमट जाऊॅंगा।
बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं।
मैं तमाम दिन का थका हुआ,
तू तमाम शब का जगा हुआ,
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर,
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ।
तेरे सीने से लगकर तेरी आरजू बन जाऊँ,
तेरी साँसो से मिलकर तेरी खुश्बू बन जाऊँ,
फासले ना रहें कोई तेरे मेरे दरमिआँ,
मैं…मैं ना रहूँ बस तू ही तू बन जाऊँ।
मुझको फिर वही सुहाना नजारा मिल गया,
इन आँखों को दीदार तुम्हारा मिल गया,
अब किसी और की तमन्ना क्यूँ मैं करूँ,
जब मुझे तुम्हारी बाहों का सहारा मिल गया।