
***तेरे वजूद की खुशबू बसी है मेरी साँसों में,ये और बात है कि नजर से दूर रहते हो तुम।***

***Tum Badle To Mazbooriyan Thi,Hum Badle To Bewafa Ho Gaye.तुम बदले तो मजबूरियाँ थी,हम बदले तो बेवफ़ा हो गए।***

***बिछड़ के भी वो रोज मिलता है मुझे ख्वाबों में,अगर ये नींद न होती तो कब के मर गए होते।***

***बड़ा अजीब सा ज़हर था उसकी याद में,पूरी उम्र गुजर गई मरते-मरते।***

मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,हिज़्र के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।

***लहरों पे खेजता हुआ लहरा के पी गया,साक़ी की हर निगाह पे बल खा के पी गया।***

***दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रख,क्यूँकि नक़ाब हो या नसीब सरकता जरुर है।***

***हम हसीन होने का दावा तो नहीं करते मगर,आँख भर देखें जिसे उलझन में डाल देते हैं।***

***दिल एक है तो कई बार क्यों लगाया जाये,बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।***

तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना खो चुका हूँ,तू मिल भी अगर जाये तो अब मिलने का ग़म होगा।

***जब टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना,बिना मेहनत के हासिल तख़्त-ओ-ताज नहीं होते,ढूढ़ लेना अंधेरे में ही मंज़िल अपनी दोस्तों,क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज़ नहीं होते।***

***इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की,कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हो गए।***

***मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो,दिल बैचैन है बहुत कहीं तुम उदास तो नहीं।***

***ये दूरी हमसे अब और सही नहीं जाती,बस तेरे पास आने को मेरा जी चाहता है,तोड़ कर सारी दुनिया कि रस्मो-रिवाजों को,तुझे अपना बनाने को जी चाहता है।***

बस यूँ ही उम्मीद दिलाते हैं ज़माने वाले,लौट के कब आते हैं छोड़ कर जाने वाले।

***किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी,हमारी चीज थी हमने जहाँ जानी वहाँ रख दी,जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो,जरा सी चीज़ थी हमने न जाने कहाँ रख दी।***

***आप करीब ही न आये इज़हार क्या करते,हम खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,साँसे साथ छोड़ गयीं पर खुली रखी आँखें,इस से ज्यादा किसी का इंतज़ार क्या करते।***

***वक़्त तो दो ही मुश्किल गुजरे हैं सारी उम्र में,इक तेरे आने के पहले इक तेरे जाने के बाद।***

***सूरज, चाँद और सितारे मेरे साथ में रहे,जब तक तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में रहे,शाखों से जो टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम,आँधी से कोई कह दे कि औकात में रहे।***

कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे,तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा।

***तुझे याद करना न करना अब मेरे बस में कहाँदिल को आदत है हर धड़कन पे तेरा नाम लेने की।***

***माना जल्दबाजी में शादी करके जीवन बिगाड़ लोगे,सोच समझ कर करोगे तो कौन सा तीर मार लोगे।***

***चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,साँसों में खुशबू बन के बिखर जाते हो,कुछ यूँ चला है आपके प्यार का जादू,सोते-जागते बस तुम ही नजर आते हो।***

***सुबह-सुबह प्यारे से फूल खिल गए,पंछी भी अपने सफर पर उड़ गये,सूरज के आते ही तारे भी छुप गये,लो आप भी मीठी नींद से उठ गये।***

मुद्दत से कोई शख्स रुलाने नहीं आया,जलती हुई आँखों को बुझाने नहीं आया,जो कहता था कि रहेंगे उम्र भर साथ तेरे,अब रूठे हैं तो कोई मनाने नहीं आया।

***ना तस्वीर है तुम्हारी जो दीदार किया जाये,ना तुम हो मेरे पास जो प्यार किया जाये,ये कौन सा दर्द दिया है तुमने ऐ सनम,ना कुछ कहा जाये ना तुम बिन रहा जाये।***

***पीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों,बादलों का रंग देख नीयत बदल गई।***

***कल न हम होंगे न कोई गिला होगा,सिर्फ सिमटी हुयी यादों का सिलसिला होगा,जो लम्हे हैं उन्हें हँसकर बिता ले दोस्त,जाने कल ज़िन्दगी का क्या फैसला होगा।***

***आसमान में काली घटा छाई है,आज फिर तूने गर्लफ्रेंड से मार खाई है,मगर इसमें तेरी गलती नहीं है दोस्त,तू शकल से लगता कालू हलवाई है।***

इस तरह दिल में समाओगे सोचा न था,दिल को इतना तड़पाओगे सोचा न था,मालूम था कि दूर हो तो याद तो आओगे,मगर इस कदर याद आओगे सोचा न था।

***ये जो तुम मेरा हालचाल पूछते हो,बड़ा ही मुश्किल सवाल पूछते हो।***

***चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो,झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो,ज़िन्दगी तो वीरान थी मौत भी गुमनाम ना हो,मुझे गले लगा लो फिर चाहे मौत हजार दे दो।***

***कुछ नये सपने उसी के देखना है फिर मुझे,सो गया हूँ मैं बहा कर जिसकी यादें आँख से।***

***कोई बताएगा कैसे दफनाते हैं उनको,वो ख्वाब जो दिल में ही मर जाते हैं।***

न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती,ये ज़िन्दगी है हिसाबों से जी नहीं जाती।

***ताजगी मिज़ाज में और रंगतजैसे पिघला हुआ सोना,तारीफ तेरी नहीं साकी,यह ज़िक्र शराब का है।***

***बारिशें कुछ इस तरह से होती रहीं मुझ पे,ख्वाहिशें सूखती रहीं और पलकें भीगती रहीं।***

***उम्मीद ऐसी हो जो जीने को मजबूर करे,राह ऐसी हो जो चलने को मजबूर करे,महक अपनी दोस्ती की कम न हो कभी,दोस्ती ऐसी हो जो मिलने को मजबूर करे।***

***न हमसफ़र न किसी हमनशीं से निकलेगा,हमारे पाँव का काँटा है हमीं से निकलेगा।***

ऐ ज़िन्दगी, तोड़ कर हमको ऐसे बिखेर दे इस बार,न फिर से टूट पायें हम, और न फिर से जुड़ पाए तू।

***अदा आई, जफा आई, गुरूर आया, इताब आया,हजारों आफतें लेकर हसीनों का शबाब आया।***

***सवेरे-सवेरे हो खुशियों का मेला,न लोगों की परवाह न दुनिया का झमेला,परिंदों का शोर हो और मौसम अलबेला,मुबारक हो आपको आज का सवेरा।***

***हमको मिटा सके वो ज़माने में दम नहीं,हमसे ज़माना खुद है ज़माने से हम नहीं।***

***राज़-ए-उल्फत छुपा के देख लिया,दिल बहुत अपना जला के देख लिया,और क्या देखने को बाकी है अब,आपसे दिल लगा के देख लिया।***

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली,सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,वो ज़िन्दगी ही क्या जो छाँव-छाँव चली।

***हमसे दूर होकर हमारे पास हो तुम,हमारी सूनी ज़िन्दगी की आस हो तुम,कौन कहता है हमसे बिछड़ गए हो तुम,हमारी यादों में हमारे साथ हो तुम।***

***तेरे लिए खुद को मजबूर कर लिया,ज़ख्मों को हमने अपने नासूर कर लिया,मेरे दिल में क्या था ये जाने बिना,तू ने खुद को हमसे कितना दूर कर लिया।***

***तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना,तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना,मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना,मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना।***

***फिर सुबह एक नई रोशन हुई,फिर उम्मीदें नींद से झाँकती मिली,वक़्त का पंछी घरोंदे से उड़ा,अब कहाँ ले जाए तूफाँ क्या पता।***

एहसान ये रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ पर,उठती उँगलियों ने ही मुझे मशहूर कर दिया।

***वो पिला कर जाम लबों से अपनी मोहब्बत का,अब कहते हैं नशे की आदत अच्छी नहीं होती।***

***वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,तमाम उम्र जिन आँखों को झील लिखते रहे।***

***जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले,इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो।***

***बात ऊँची थी मगर बात जरा कम आँकी,मेरे जज्बात की औकात जरा कम आँकी,वो फ़रिश्ता कहकर मुझे जलील करता रहा,मैं इंसान हूँ मेरी जात जरा कम आँकी।***