
***होशो-हवास में बहको तो कोई बात बने,यूँ नशे में लुढ़कना तो यार पुराना हुआ।***

***तन्हाई की रात कट ही जाएगीइतने भी हम मजबूर नहीं,दोहरा कर तेरी बातों कोकभी रो लेंगे कभी हँस लेंगे।***

***बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे,करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।***

***इस दिल को तो एक बार को,बहला कर चुप करा लूँगा,पर इस दिमाग का क्या करूँ,जिसका तुमने दही कर दिया है।***

टूट गया दिल पर अरमान वही है,दूर रहते हैं फिर भी प्यार वही है,जानते हैं कि मिल नहीं पायेंगे,फिर भी आँखों में इंतज़ार वही है।

***या खुदा मेरी दुआओं में इतना असर कर दे,खुशियाँ उसे दर्द उसका मुझे नजर कर दे,दिलों से दूरिओं का एहसास मिटा दे ऐ मौला,नहीं तो उसके आँचल को मेरा कफ़न कर दे।***

***फिजा में महकती शाम हो तुम,प्यार का छलकता जाम हो तुम,सीने में छुपाये फिरते हैं तुम्हें,मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम।***

***शहर-ए-एहसास में पथराव बहुत हैं मोहसिन,दिल को शीशे के झरोखों में सजाया न करो।***

***पूछा न ज़िन्दगी में किसी ने भी दिल का हाल,अब शहर भर में ज़िक्र मेरी खुदकुशी का है।***

दो गज़ ज़मीन सही मेरी मिल्कियत तो है,ऐ मौत तूने मुझको ज़मींदार कर दिया।

***तेरी मोहब्बत की तलब थीइसलिए हाथ फैला दिए,वरना हमने तो अपनीज़िन्दगी की भी दुआ नहीं माँगी।***

***किस फिक्र किस ख्याल में खोया हुआ सा है,दिल आज तेरी याद को भूला हुआ सा है,गुलशन में इस तरह कब आई थी बहारहर फूल अपनी शाख से टूटा हुआ सा है।***

***हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान न लो,करके बेरुखी मेरी तुम जान न लो,एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे,हमारी मौत का खुद पे इल्ज़ाम न लो।***

***मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी है,एक हल्की-सी मेरे लब पे हँसी माँगी है,सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ,जी में आता हैं जी भर के तुझे प्यार करूँ।***

अगर वो पूछ लें हमसेकहो किस बात का ग़म है,तो फिर किस बात का ग़म हैअगर वो पूछ लें हमसे।

***मैं तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती,मैं जवाब बनता अगर वो सवाल होती,सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता,फिर भी पी लेता अगर वो शराब होती।***

***इश्क करते हैं लोग बड़े शोर के साथ,हमने भी किया था बड़े जोर के साथ,मगर अब करेंगे जरा गौर के साथ,क्यूँकि कल देखा था उसे किसी और के साथ।***

***बहुत लहरों को पकड़ा डूबने वाले के हाथों ने,यही बस एक दरिया का नजारा याद रहता है,मैं किस तेजी से ज़िंदा हूँ मैं ये भूल जाता हूँ,नहीं आना इस दुनिया में दोबारा याद रहता है।***

***ऐ सूरज मेरे दोस्त को ये पैगाम देना,खुशी से भरा दिन हँसी की शाम हो,जब खोले वो सुबह-सुबह अपनी आँखें,तो उसके चेहरे पर प्यारी सि मुस्कान देना।***

न किसी के दिल की हूँ आरजू,न किसी नजर की हूँ जुस्तजू,मैं वो फूल हूँ जो है,न बहार आए तो क्या करूँ।

***काँटे किसी के हक में किसी को गुलो-समर,क्या खूब एहतमाम-ए-गुलिस्ताँ है आजकल।***

***मंजिलें मिले न मिले, ये तो मुकद्दर की बात है,हम कोशिश ही न करे ये तो गलत बात है।***

***लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली,जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है।***

***मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर है,करता भी क्या और तुम पर जो आ रही थी बात।***

मेरी सादगी ही गुमनाम में रखती है मुझे,जरा सा बिगड़ जाऊं तो मशहूर हो जाऊं।

***ज़माना खड़ा है हाथों में पत्थर लेकर,कहाँ तक भागूं शीशे का मुक़द्दर लेकर।***

***वो जो हमारे लिए कुछ ख़ास होते हैं,जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं,चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें,दूर रह के भी वो दिल के पास होते हैं।***

***अपनी राह खुद चुनो दिल जो कहे वही करो,अपने पीछे वालों को आगे मत जाने दो,और जो आगे हैं उनसे भी आगे निकलो,तभी एक अच्छे रिक्शा वाले बन पाओगे।***

***हम वो फूल हैं जो रोज-रोज नहीं खिलते,यह वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलते,हमसे बिछड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें,हम वो दोस्त हैं जो दोबारा नहीं मिलते।***

Yeh Bhi Ek Zamana Dekh Liya Hai Humne,Dard Jo Sunaya Apna To Taliyan Baj Uthhi.यह भी एक ज़माना देख लिया है हम ने,दर्द जो सुनाया अपना तो तालियां बज उठीं।

***भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना,यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन जाता है।***

***वफाओं की बातें की जफ़ाओं के सामने,ले चले हम चिराग़ हवाओं के सामने,उठे हैं जब भी हाथ बदली हैं क़िस्मतें,मजबूर है खुदा भी दुआओं के सामने।***

***सुन कर तमाम रात मेरी दस्ताने-ग़म,वो मुस्कुरा के बोली बहुत बोलते हो तुम।***

***हँसी छुपाना किसी को गंवारा नहीं होता,हर मुसाफिर ज़िन्दगी का सहारा नहीं होता,मिलते है लोग इस तनहा ज़िन्दगी में पर,हर कोई दोस्त तुम सा प्यारा नहीं होता।***

दिल का दर्द दिल तोड़ने वाला क्या जाने,प्यार के रिवाजों को ये ज़माना क्या जाने,होती है इतनी तकलीफ लड़की पटाने में,ये घर बैठा लड़की का बाप क्या जाने।

***ज़िन्दगी बस एक हसीन ख़्वाब है,दिल में जीने की चाहत होनी चाहिये,ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे,सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।***

***शाम होते ही तेरे प्यार की पागल खुशबू,नींद आँखों से सुकून दिल का चुरा लेती है।***

***चली जाती है वो ब्यूटी पार्लर में यूं,उनका मकसद है मिशाल-ए-हूर हो जाना,अब कौन समझाये इन पागल लड़कियों को,मुमकिन नहीं किशमिश का अंगूर हो जाना।***

***किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना,मोहब्बत में यही लम्हा क़यामत की निशानी है।***

हम दोस्त बनाकर किसी को रुलाते नहीं,दिल में बसाकर किसी को भुलाते नहीं,हम तो दोस्त के लिए जान भी दे सकते हैं,और तुम सोचते हो हम दोस्ती निभाते नहीं।

***कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर,वो मिले भी तो एक किनारा बनकर,हर ख्वाब टूट के बिखरा काँच की तरह,बस एक इंतज़ार है साथ सहारा बनकर।***

***ये इश्क़ जिसके कहर से डरता है ज़माना,कमबख्त मेरे सब्र के टुकड़ों पे पला है।***

***सूरज के बिना सुबह नहीं होती,चाँद के बिना रात नहीं होती,बादल के बिना बरसात नहीं होती,और आपकी याद के बिना दोस्त,दिन की शुरुआत नहीं होती।***

***बातों में तल्खी और लहजे में बेवफाई,लो ये मोहब्बत भी पहुँची अंजाम पर।***

तू मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है,मेरी हर साँस ने बस ये ही दुआ माँगी है,जाने क्यूँ दिल खिंचा जाता है तेरी तरफ,क्या तूने भी मुझे पाने की दुआ माँगी है।

***ख्याल में आता है जब भी उनका चेहरा,तो लबों पे अक्सर एक फरियाद आती है,भूल जाते हैं सारे दर्द-ओ-सितम उनके,जब उनकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है।***

***रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा,तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे वजूद को तरसेगी।***

***मिले जो मुफ्त में उस चीज की कीमत नहीं होती,हुई है कद्र हर इक साँस की जब वक़्त आया है।***

***अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन से,नजर पे बोझ है और दिल खफा है कुछ दिन से,वो और था जिसे तू जानता था बरसों से,मैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिन से।***

ग़म की तशरीह बहुत मुश्किल थी,तो अपनी तस्वीर दिखा दी मैंने।

***कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंजूर,और कुछ उन की इनायत ने जीने न दिया,हादसा है कि तेरे सर पर इल्ज़ाम आया,वाकया है कि तेरे ग़म ने मुझे जीने न दिया।***

***बेखुदी ले गई कहाँ हमको,देर से इंतज़ार है अपना,रोते फिरते हैं सारी-सारी रात,अब यही बस रोज़गार है अपना।***

***तकदीर लिखने वाले एक एहसान लिख दे,मेरी मोहब्बत की तकदीर में मुस्कान लिख दे,ना मिले ज़िन्दगी में कभी भी दर्द उसको,चाहे उसकी किस्मत में मेरी जान लिख दे।***

***तारीफ के काबिल हम कहाँ,चर्चा तो आपकी चलती है,सब कुछ तो है आपके पास,बस सींग और पूंछ की कमी खलती है।***