
***कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,तेरी सादगी में इतना फरेब था,कि तुझे बेवफा भी न कह सका।***

***ग़म ये नहीं कि कसम अपनी भुलाई तुमने,ग़म तो ये है कि रकीबों से निभाई तुमने,कोई रंजिश थी अगर तुमको तो मुझसे कहते,बात आपस की थी क्यूँ सब को बताई तुमने।***

***मुझको रुला कर दिल उसका रोया तो होगा,उसकी आँखों में भी आया तो होगा,अगर न किया कुछ भी हासिल हमने प्यार में,कुछ न कुछ उसने भी खोया तो होगा।***

***हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते हैं,हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हैं।***

न जाने उस पर इतना यकीन क्यूँ है,उसका ख्याल भी इतना हसीं क्यूँ है,सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है,तो आँख से निकला आँसू नमकीन क्यूँ है।

***हर सुबह एक नये दिन की शुरुआत होती है,किसी अपने से बात हो तो खास होती है,हँस के प्यार से दोस्तों को सुप्रभात बोलो,तो दिन भर खुशियाँ अपने साथ होती हैं।***

***दिल है कदमों पे किसी के सर झुका हो या न हो,बंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो।***

***जरूरत है मुझे नये नफरत करने वालों की,पुराने दुश्मन तो अब मुझे चाहने लगे है।***

***प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया भी नहीं,कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं,बेरुख़ी इस से बड़ी और भला क्या होगी,एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं।***

होगा गजब जो हशर में झगड़ा हो जायेगा,मानो कहा कि बात अभी घर की घर में हैं।

***लोग पढ़ लेते हैं आँखों से दिल की बात,अब मुझसे तेरे ग़म की हिफाजत नहीं होती।***

***मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़,गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो।***

***खून बन कर मुनासिब नहीं दिल बहे,दिल नहीं मानता कौन दिल से कहे,तेरी दुनिया में आये बहुत दिन रहे,सुख ये पाया कि हमने बहुत दर्द सहे।***

***शायद कोई तराश कर मेरी किस्मत संवार दे,यह सोच कर हम उम्र भर पत्थर बने रहे।***

न जाने क्यूँ वक़्त इस तरह गुजर जाता है,जो वक़्त था वो पलट कर सामने आता है,और जिस वक़्त को हम दिल से पाना चाहते हैं,वो तो बस एक लम्हा बनकर बीत जाता है।

***ये और बात है कि दिखाई न देमगर शामिल जरूर होता है,खुदकुशी करने वाले का भीकोई कातिल जरूर होता है।***

***एक उम्र भर की जुदाई मेरा नसीब करके,वो तो चला गया है बातें अजीब करके,तर्ज़-ए-वफ़ा को उसकी क्या नाम दूँ मैं अब,खुद दूर हो गया है मुझको करीब करके।***

***मुद्दत से थी किसी से मिलने की आरज़ू,ख्वाहिश-ए-दीदार में सब कुछ गँवा दिया,किसी ने दी खबर कि वो आयेंगे रात को,इतना किया उजाला कि घर तक जला दिया।***

***दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,बहुत याद करता है मेरा दिल तुम्हेंख्वाबों में आके यूँ तड़पाया ना करो।***

मिलने को तो हर शख्स एहतराम से मिला,पर जो मिला किसी न किसी काम से मिला।

***मेरी तस्बीह के दाने हैंभोली सूरतों वाले,निगाहों में फिराता हूँइबादत होती जाती है।***

***पलकों से अश्क़ गिरा है तो उसे गिरने दो,सीने में कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी।***

***हमारी किस्मत ही कुछ ऐसी निकली ग़ालिब,ज़मीन मिली तो बंजर और एडमिन मिला तो कंजर।***

***हासिल-ए-ज़िन्दगी हसरतों के सिवा और कुछ भी नहीं,ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं।***

तुमने सोच लिया मिल जायेंगे बहुत चाहने वाले,ये भी सोच लेते कि फर्क होता है चाहतों में भी।

***चाँद सा जब कहा तो वो गिला करने लगे,बोले... चाँद कहिये न, चाँद सा क्या है।***

***अश्क़ से आज आँखों में क्यों हैं आये हुए,गुजर गया है ज़माना तुझे भुलाये हुए।***

***जिसे गुजरे दिन के ग़म से नहीं फुर्सत,उसको नए साल की मुबारकबाद क्या देना।***

***थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ,ये क्या कम है अपनी पहचान बचा पाया हूँ,कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकती यादें,जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।***

फुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूर,नाकाम ज़िंदगी की मुकम्मल किताब हूँ मैं।

***हर दर्द को दफ़न कर गहराई में कहीं,दो पल के लिए सब कुछ भुलाया जाए,रोने के लिए घर में कोने बहुत से हैं,आज महफ़िल में चलो सबको हँसाया जाए।***

***कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं,दिल भर जाता है तो लोग रूठ जाया करते हैं।***

***किसी को इतना मत चाहो कि भुला न सको,यहाँ मिजाज बदलते हैं मौसम की तरह।***

***मयखाने की इज्ज़त का सवाल था हुज़ूर,सामने से गुजरे तो, थोड़ा सा लड़खड़ा दिए।***

तेरे हुस्न पे तारीफों भरी किताब लिख देता,काश तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती।

***आज उस ने एक दर्द दिया तो मुझे याद आया,हमने ही दुआओं में उसके सारे दर्द माँगे थे।***

***खुदा या नाखुदा अब जिसको चाहो बख्श दो इज्जत,हकीकत में तो कश्ती इत्तिफाकन बच गई अपनी।***

***था जहाँ कहना वहां कह न पाये उम्र भर,कागज़ों पर यूँ शेर लिखना बेज़ुबानी ही तो है।***

***तेरी यादों की कोई मंजिल होती तो अच्छा था,खबर तो रहती कितना सफ़र तय करना है।***

खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है,कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।

***राह-ए-वफ़ा में किसका किसने दिया है साथ,तुम भी चले चलो यूँ ही जब तक चली चले।***

***अगर इश्क़ गुनाह है तो गुनाहगार है खुदा,जिसने बनाया दिल किसी पर आने के लिए।***

***दौड़ में दौलत की तुम्हें जो भी मुक़ाम मिल जाये,नाम बदल देना मेरा जो इत्मिनान मिल जाये।***

***जब सफेद साड़ी पे लाल बिंदी लगाती हो,कसम से एम्बुलेंस नजर आती हो,वो तो घायलों को लेकर जाती है,और तुम घायल कर के जाती हो।***

कितना और बदलूं खुद कोज़िन्दगी जीने के लिए,ऐ ज़िन्दगी, मुझको थोड़ा सामुझमें बाकी रहने दे।

***तुमने कहा था हर शाम हाल पूछा करेंगे,बदल गए हो या तुम्हारे यहाँ शाम नहीं होती।***

***कल क्या खूब इश्क़ से इन्तकाम लिया मैंने,कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे जला दिया।***

***वो दिन दिन नहीं वो रात-रात नहीं,वो पल पल नहीं जिस पल आपकी बात नहीं,आपकी यादों से मौत हमें अलग कर सके,मौत की भी इतनी औकात नहीं।***

***आपसे रोज़ मिलने को दिल चाहता है,कुछ सुनने सुनाने को दिल चाहता है,था आपके मनाने का अंदाज़ ऐसा,कि फिर रूठ जाने को दिल चाहता है।***

जवानी के दिन चमकीले हो गए,हुस्न के तेवर भी नुकीले हो गए,हम इज़हार करने में रह गए,उधर उनके हाथ पीले हो गए।

***न हारा है इश्क न दुनिया थकी है,दिया जल रहा है हवा चल रही है,सुकून ही सुकून है खुशी ही खुशी है,तेरा ग़म सलामत मुझे क्या कमी है।***

***फूलों की वादियों में हो तेरा बसेरा,सितारों के आँगन में हो घर तेरा,दुआ है एक दोस्त की एक दोस्त को,कि तुझसे भी खूबसूरत हो सवेरा तेरा।***

***खुल जाता है तेरी यादों का बाज़ार सरेआम,फिर मेरी रात इसी रौनक में गुजर जाती है।***

***कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,यूँ घुट-घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।***