
***वक़्त मिले तो प्यार की किताब पढ़ लेना,हर प्यार करने वाले की कहानी अधूरी होती है।***

***Aaj Tak Yaad Hai Wo Shaame-Judai Ka Samaan,Teri Aawaaz Ki Larzish Tere Lehje Ki Thakan.आज तक याद है वो शाम-ए-जुदाई का समाँ,तेरी आवाज़ की लर्ज़िश तिरे लहजे की थकन।***

***ऐ हिज्र वक़्त टल नहीं सकता है मौत का,लेकिन ये देखना है कि मिट्टी कहाँ की है।***

***ओस की बूँदें फूलों को भिगा रहीं हैं,हवा की लहरें एक ताज़गी जगा रहीं हैं,आइये और हो जाइये आप भी इसमें शामिल,एक प्यारी सी सुबह आपको बुला रही है।***

उसकी धड़कन में मेरी याद अभी बाकी है,ये हकीकत मेरे जीने के लिए काफी है।

***मेरे वजूद में काश तू उतर जाए,मैं देखूं आइना और तू नजर आये,तू हो सामने और वक्त ठहर जाए,और तुझे देखते हुए जिंदगी गुज़र जाए।***

***अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहींतुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी।***

***हम तो शायर हैं सियासत नहीं आती हमको,हम से मुँह देखकर लहजा नहीं बदला जाता।***

***बिखरा वजूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ,कितने हसीन तोहफे दे जाती है ये मोहब्बत।***

किसी को कैसे बताएँ जरूरतें अपनी,मदद मिले न मिले आबरू तो जाती है।

***मय छलक जाए तो कमजर्फ हैं पीने वाले,जाम खाली हो तो साकी तेरी रूसवाई है।***

***आदतन तुमने कर दिये वादे,आदतन हमने भी ऐतबार किया,तेरी राहों में हर बार रुककर,हमने अपना ही इंतजार किया।***

***माना कि किस्मत पे मेरा कोई जोर नहीं,पर ये सच है कि मोहब्बत मेरी कमज़ोर नहीं,उसके दिल में, यादों में कोई और है लेकिन,मेरी हर साँस में उसके सिवा कोई और नहीं।***

***एक महरूम चले '' हमीं इस दुनिया से,वर्ना आलम को जमाने ने दिया क्या-क्या कुछ।***

खरीद लेंगे सबकी सारी उदासियाँ दोस्तों,सिक्के हमारे मिजाज़ के, चलेंगे जिस रोज।

***ये लकीरें ये नसीब ये किस्मत,सब फ़रेब के आईने हैं,हाथों में तेरा हाथ होने से ही,मुकम्मल ज़िन्दगी के मायने हैं।***

***रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता है,चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है,रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं,रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है।***

***ज़िन्दगी उस अजनबी मोड़ पर ले आई है,तुम चुप हो मुझसे और मैं चुप हूँ सबसे।***

***जो न पूरा हो उसे अरमान कहते हैं,जो न बदले उसे ईमान कहते हैं,ज़िन्दगी मुश्किलों में भले ही बीत जाये,पर जो झुकता नहीं उसे इंसान कहते हैं।***

कभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हें,हाल-ए-दिल अपना तमाम सुनाएँगे तुम्हें,काटी हैं अकेले कैसे हमने तन्हाई की रातें,हर उस रात की तड़प दिखाएँगे तुम्हें।

***उसके बगैर भी तो कट गई हयात,उसका खयाल उससे जियादा जमील था।***

***मिटाओगे कहाँ तक तुम मेरी यादें मेरी बातें,मैं हर मोड़ पर अपनी निशानी छोड़ जाऊंगा।***

***हवा का झोंका आयातेरी खुशबू साथ लाया,मैं समझ गया कि तूआज फिर नहीं नहाया।***

***चाल मस्त, नजर मस्त, अदा में मस्ती,जब वह आते हैं लूटे हुए मैखाने को।***

हमें आँसुओं से ज़ख्मों को धोना नहीं आता,मिलती है ख़ुशी तो उसे खोना नहीं आता,सह लेते हैं हर ग़म को जब हँसकर हम,तो लोग कहते है कि हमें रोना नहीं आता।

***वो रोए तो मगर मुझसे मुँह मोड़कर रोए,कोई मजबूरी होगी जो दिल तोड़कर रोए,मेरे सामने कर दिए मेरी तस्वीर के टुकड़े,मेरे बाद वो उन्हें जोड़-जोड़ कर रोए।***

***अगर पाना है मंज़िल तोअपना रहनुमा खुद बनो,वो अक्सर भटक जाते हैंजिन्हें सहारा मिल जाता है।***

***पहले इश्क फिर धोखा फिर बेवफ़ाई,बड़ी तरकीब से एक शख्स ने तबाह किया।***

***जो शख्स मेरी हर कहानी हर किस्से में आया,वो मेरा हिस्सा होकर भी मेरे हिस्से में नहीं आया।***

तेरी ज़ुल्फों की स्याही से न जाने कैसे,ग़म की ज़ुल्मत मेरी रातों में चली आई है।

***आखिरी दीदार कर लो खोल कर मेरा कफ़न,अब ना शरमाओ कि चश्म-ए-मुन्तजिर बेनूर है।***

***सरे-आम मुझे ये शिकायत है ज़िन्दगी से,क्यूँ मिलता नहीं मिजाज़ मेरा किसी से।***

***बंद मुट्ठी से जो उड़ जाती है क़िस्मत की परी,इस हथेली में कोई छेद पुराना होगा।***

***जिन के होठों पे हँसी पाँव में छाले होंगे,वही लोग अपनी मंज़िल को पाने वाले होंगे।***

दूर रह कर करीब रहने की आदत है,याद बन के आँखों से बहने की आदत है,करीब न होते हुए भी करीब पाओगे,मुझे एहसास बनकर रहने की आदत है।

***जुदा थे हम तो मयस्सर थीं कुर्बतें कितनी,वहम हुए तो पड़ी हैं जुदाइयाँ क्या-क्या।***

***उनको मालूम है कि उनके बिनाहम टूट जाते हैं,फिर क्यूँ वो आज़माते हैंहमको बिछड़-बिछड़ कर।***

***रात हम पिये हुए थे मगर,आप की आँखें भी शराबी थी,फिर हमारे खराब होने में,आप ही कहिए क्या खराबी थी।***

***एक खलिश अब भी मुझे बेचैन करती है ,सुनके मेरे मरने की खबर वो रोया क्यूँ था।***

कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे,हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे,वो तरस जायेंगे प्यार की एक बूँद के लिए,हम तो बादल है कहीं और बरस जायेंगे।

***हैरान हूँ के मुद्दत-ए-क़लील में मोहसिन,वो शख्स मेरी सोच से ज़्यादा बदल गया।***

***कोई मिला ही नहीं जिस को सौंपते मोहसिन,हम अपने ख्वाब की खुशबू, ख्याल का मौसम।***

***सुबह-सुबह आपको यह पैगाम देना है,आपको सुबह का पहला सलाम देना है,गुजरे सारा दिन आपका ख़ुशी-ख़ुशी,इस सुबह को खूबसूरत सा नाम देना है।***

***मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना,कभी मिलने की हसरत कभी देखने की तमन्ना।***

हाल-ए-दिल अपना क्या सुनाएं आपको,ग़म से बातें करना आदत है हमारी,लोग मरते हैं सिर्फ एक बार सनम,रोज पल-पल मरना किस्मत है हमारी।

***ये कशमकश है कैसे बसर ज़िन्दगी करें,पैरों को काट फेंके या चादर बड़ी करें।***

***आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम,कितना ख्वाबों में तुझे और तलाशा जाए।***

***दुश्मनों से मोहब्बत होने लगी है मुझे,जैसे-जैसे दोस्तों को आजमाता जा रहा हूँ।***

***वही ज़मीन है वही आसमान वही हम तुम,सवाल यह है ज़माना बदल गया कैसे।***

नींद आँखों में पिरोने की इजाज़त दे दे,ऐ शब-ए-ग़म अब हमें सोने की इजाज़त दे दे।

***तहसीन के लायक़ तिरा हर शेर है '',अहबाब करें बज़्म में अब वाह कहाँ तक।***

***मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है,कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है,यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आँसू हैं,जो तू समझे तो मोती है जो न समझे तो पानी है।***

***एक आरज़ू है पूरी अगर परवरदिगार करे,मैं देर से जाऊं और वो मेरा इंतज़ार करे।***

***मेरी है वो मिसाल कि जैसे कोई दरख़्त,चुप-चाप आँधियों में भी तन्हा खड़ा हुआ।***