
***वो अपनी ज़िन्दगी में हो गए मसरूफ इतने कि,किस-किस को भूल गए अब उन्हें भी याद नहीं।***

***चले आओ मुसाफिरआखिरी साँसें बची हैं कुछ,तुम्हारी दीद हो जाती तोखुल जातीं मेरे आँखें।***

***Humein Dekh Kar Jab Usne Munh Mod Liya,Ek Tasalli Ho Gayi Chalo Pehchante To Hain.हमें देख कर जब उसने मुँह मोड़ लिया,एक तसल्ली हो गयी चलो पहचानते तो हैं।***

***मेरी वफा के बदले बेवफाई न दिया कर,मेरी उम्मीद ठुकरा के इन्कार न किया कर,तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ गँवा बैठे,जान भी चली जायेगी इम्तिहान न लिया कर।***

बहुत से लोग थे मेहमान मेरे घर लेकिन,वो जानता था कि है एहतमाम किसके लिए।

***अल्फाज तय करते हैं फैसले किरदारों के,उतरना दिल में है या दिल से उतरना है।***

***उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगों की तरह हम,वक़्त की टहनी पर हैं परिंदों की तरह हम।***

***अकेलेपन का इलाज़ होती हैं यादें,बहुत ही हसीन सी होती हैं यादें,यूँ तो बोलने को कुछ भी नहीं हैं,पर मानने को किसी का साया हैं यादें।***

***तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है,खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है,फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ टूटे दिल वालों,यहाँ दर्द-ए-दिल की दवा पिलाई जाती है।***

तुम्हारी तलाश में निकलूँ भी तो क्या फायदा..?तुम बदल गए हो, खो गए होते तो और बात थी।

***समझ पाता हूँ देर से मैं दांव-पेंच उसके,वो बाजी जीत जाता है मेरे चालाक होने तक।***

***एक तुम ही मिल जाते बस इतना काफ़ी था,सारी दुनिया के तलबगार नहीं थे हम।***

***खुद को वो चाहे लाख मुकम्मल समझे,लेकिन मेरे बिना, वो मुझे अधूरा ही लगता है।***

***लौट आओ और मिलो उसी तड़प से,अब तो मुझ को मेरी वफाओं का सिला दो,देखे हैं बहुत इसने तन्हाई के मौसम,अब तो मेरे दिल को अपने दिल से मिला दो।***

जलवों की साजिशों को न रखो हिजाब में,ये बिजलियाँ हैं रुक न सकेंगीं नक़ाब में।

***इस सर्दी की ठंडक मेरे दिल में उतर गई है,इसी वजह से मेरी शायरी जम सी गयी है।***

***मिला हूँ खाक में ऊँची मगर रखी है,तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रखी है,भले ही पेट की खातिर कहीं दिन बेच आया हूँ,तुम्हारी याद की खातिर भी पूरी रात रखी है।***

***ठोकर न लगा मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,हैरत से न देख कोई मंज़र नहीं हूँ मैं,उनकी नजर में मेरी कदर कुछ भी नहीं,मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नहीं हूँ मैं।***

***प्यार-ओ-उल्फ़त, वफ़ा, हमदर्दी, मोहब्बत ये सब,कौन हैं दुनिया में अब इन को निभाने वाले।***

रस्ते कहाँ खत्म होते हैं जिंदगी के सफर में,मंज़िल तो वही है जहां ख्वाहिशें थम जाएँ।

***सपनों से दिल लगाने की आदत नहीं रही,हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,ये सोच के कि कोई मनाने नहीं आएगा,अब हमको रूठ जाने की आदत नहीं रही।***

***इनको न कभी आँख से गिरने देता हूँ,उनको लगते हैं मेरी आँख में प्यारे आँसू।***

***वो तो मुस्कान थी कहीं खो गयी,और मैं जज्बात था कहीं बिखर गया।***

***वो दर्द ही न रहा वरना ऐ मता-ए-हयात,मुझे गुमान भी न था मैं तुझे भुला दूंगा।***

वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे,जैसे कोई गम छुपा रहे थे,बारिश में भीग के आये थे मिलने,शायद वो आँसू छुपा रहे थे।

***अब तलक हम मुन्तजिर रहे हैं जिनके,उनको हमारा ख्याल तक न आया,उनके प्यार में हमारी जान तक चली गयी,उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया।***

***अगर ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो,दिल तो अक्सर एक दूसरे से भर जाते हैं।***

***साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा,दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,जी लो ये पल जब तक साथ है दोस्तों,कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा।***

***सबब तलाश करो अपने हार जाने का,किसी की जीत पर रोने से कुछ नहीं होगा।***

तन्हाइओं के आलम की ना बात करो दोस्त,वर्ना बन उठेगा जाम और बदनाम शराब होगी।

***रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी,दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी,जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा,उसे ज़िन्दगी से कोई और शिकायत क्या होगी।***

***हमारा क़त्ल करने की उनकी साजिश तो देखो,गुजरे जब करीब से तो चेहरे से पर्दा हटा लिया।***

***उन्हीं रास्तों ने जिन पे कभी तुम साथ थे मेरे,मुझे रोक रोक के पूछा तेरा हमसफ़र कहाँ है।***

***फैसला ये भी मेरे यार बहुत मुश्किल है,तेरे ज़ुल्म सहें या कि फ़ना हो जाएँ।***

एक हसरत थी कि कभी वो भी हमें मनाये,पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नहीं।

***कुरेद-कुरेद कर बड़े जतन सेहमने रखे हैं हरे,कौन चाहता है किउनका दिया कोई ज़ख्म भरे।***

***कुछ बातें करके वो हमें रुला के चले गए,हम न भूलेंगे यह एहसास दिला के चले गए,आयेंगे कब वो अब तो यह देखना है उम्र भर,बुझ रही है आग जिसे वो जला कर चले गए।***

***एक किरन भी तो नहीं ग़म की अंधेरी रात में,कोई जुगनू कोई तारा कोई आँसू कुछ तो होता।***

***जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं,आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं,ज़िन्दगी में गम नहीं फिर इसमें क्या मजा,सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िन्दगी कटती नहीं।***

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।

***जो पुकारता था हर घड़ीजो जुड़ा था मुझसे लड़ी-लड़ी,वो शख्स अगर कभी मुझेभूल जाये तो क्या करें।***

***अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आँसू,अभी छेड़ी कहाँ है दास्तान-ए-ज़िन्दगी मैंने।***

***छोड़ दो तन्हा ही मुझको यारो,साथ मेरे रहकर क्या पाओगे,अगर हो गई तुमको मोहब्बत कभी,मेरी तरह तुम भी पछताओगे।***

***वो रोज़ देखता है डूबते सूरज को इस तरह,काश... मैं भी किसी शाम का मंज़र होता।***

इश्क़ तो बस मुक़द्दर है कोई ख्वाब नहीं,ये वो मंज़िल है जिस में सब कामयाब नहीं,जिन्हें साथ मिला उन्हें उँगलियों पे गिन लो,जिन्हें मिली जुदाई उनका कोई हिसाब नहीं।

***मेरा यही अंदाज इस ज़माने को खलता है,इतना पीने के बाद भी सीधा कैसे चलता है।***

***तेरे मिलने का गुमान तेरे न मिलने की खलिश,वक़्त गुजरेगा तो ज़ख्म भी भर जायेंगे।***

***याद करते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह,कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं।***

***सदियों बाद उस अजनबी से मुलाकात हुई,आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई,जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से,मेरी भी आँखों से आँसुओं की बरसात हुई।***

जाने कब आ के दबे पाँव गुजर जाती है,मेरी हर साँस मेरा जिस्म पुराना करके।

***अगर हसीन तुम हो तो बुरे हम भी नहीं,महलों की तुम हो तो सड़कों पर हम भी नहीं,प्यार करके कहते हो कि शादी-शुदा हैं हम,तो कान खोल के सुन लो कुआँरे हम भी नहीं।***

***हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करो,नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे।***

***ये जो पत्थर है आदमी था कभी,इस को कहते हैं इंतज़ार मियां।***

***छीनकर हाथों से जाम वो इस अंदाज़ से बोली,कमी क्या है इन होठों में जो तुम शराब पीते हो।***